हम सब परमात्मा की संतान हैं। लेकिन, कई ईसाई मानते हैं कि केवल ईसा मसीह के माध्यम से ही मुक्ति मिल सकती है।
इस संदर्भ में वे फिलीपी अंस 2.9 का उल्लेख करते हैं: “परमात्मा ने ईसा मसीह….को वह नाम दिया है जो सभी नामों से श्रष्ठ है।”
इस छंद की एक व्याख्या है कि ईसा मसीह यीशु का पद अन्य सभी संतों से “ऊपर” है। इस व्याख्या में प्रमुख शब्द “ऊपर” है। बाइबिल में “ऊपर” के लिए ग्रीक शब्द “huper” का उपयोग किया गया है। ग्रीक शब्द “huper”का प्रमुख अर्थ “के लिए” है(strongs05228)। यदि हम इस छंद में “ऊपर” के स्थान पर “के लिए” का उपयोग करें हैं तो यह छंद इस प्रकार पढ़ा जायेगा: “परमात्मा ने ईसा मसीह को वह नाम दिया है जो सभी के लिए है।”
ईसा मसीह सभी व्यक्तियों के लिए हैं अथवा उनके नाम में सभी व्यक्ति शामिल है अथवा वे हर व्यक्ति से जुड़े हुए है।
इसा मसीह की चेतना परमात्मा से जुडी हुई थीऔर परमात्मा हर जगह व्याप्त है। जैसे कोई व्यक्ति यदि समुद्र के किसी एक हिस्से से जुड़ जाता है तो वह सम्पूर्ण समुद्र से जुड़ जाता है। इसी प्रकार परमात्मा के माध्यम से ईसा मसीह सभी व्यक्तियों के साथ जुड़े हुए थे।यह छंद यह नहीं कहता है कि ईसा मसीह का नाम दूसरों से ऊंचा था अथवा उनका पद दूसरों से ऊपर था। अन्य संत भी हो सकते हैं जो ईसा मसीह की तरह परमात्मा से और सभी व्यक्तियों से जुड़े हुए हों। इसी सन्दर्भ में एक और छंद एक्ट्स 4:12 का उद्धरण दिया जाता है।
यह छंद पुनः कहता दीखता है कि ईसा मसीह के अतिरिक्त किसी अन्य के माध्यम से मोक्ष नहीं मिल सकता है। इस छंद में “अन्य” शब्द के लिए ग्रीक शब्द “HETEROS” का उपयोग किया गया है। इस ग्रीक शब्द के अर्थ इस प्रकार हैं:”अन्य, एक और, दो के आलावा, एक ही प्रकृति, रूप अथवा वर्ग के नहीं, दयालु” (Strongs02087). इन अर्थो से ध्वनि निकलती है कि ईसा मसीह के समान प्रकृति, रूप अथवा वर्ग का दूसरा नहीं है। एक और व्याख्या यह हो सकती है कि उस समय और उस स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति में कोई उद्धार नहीं है। उस समय और स्थान पर ईसा मसीह अकेले मसीहा थे।
ये मेरी व्याख्याएं हैं। इन्हें मुख्य धारा के विद्वानों द्वारा स्वीकार किया जा सकता है या नहीं भी। लेकिन सवाल यह है कि सभी समय और स्थान पर उत्पन्न व्यक्ति परमात्मा की संतान हैं। क्या परमात्मा की एक संतान जुड़ सकती है और दूसरी नहीं? यदि परमात्मा चाहता है कि हर व्यक्ति उस जुड़े तो ईसा मसीह अकेले तक परमात्मा से जुड़ाव को सीमित कैसे किया जा सकता है? अतःइन छंदों की व्याख्या इस तरह से की जा सकती है कि ये ईसा मसीह के परमात्मा से गहन जुड़ाव और उनके विस्तार का बोध कराते है। हमें इस व्याख्या को स्वीकार करना चाहिए। परमात्मा से जुड़ाव को सीमित करने वाली व्याख्या को नहीं।
निष्कर्ष- मेरी समझ से हमें परमात्मा को सीमित नहीं करना चाहिए कि ईसा मसीह एकमात्र उनसे जुड़े हुए हैं अथवा एकमात्र मस्सेहा हैं। कई अन्य मसीहा भी हो सकते हैं। ईसा मसीह उस समय और स्थान पर अकेले परमात्मा से जुड़ाव स्थापित करने वाले रहे हो सकते हैं। इस तरीके से पवित्र ग्रंथों की व्याख्या करके हमसब धर्मों में प्रेम स्थापित कर सकते हैं।