Skip to content
यहूदी, ईसाई, मुस्लिम एवं हिन्दू के साझा पूर्वज

यहूदी, ईसाई, मुस्लिम एवं हिन्दू के साझा पूर्वज

  • होम
  • कहानियाँ
    • व्यक्ति
      • अब्राहमिक
      • हिंदू
      • इंटरफेथ
    • क्षेत्र
      • पश्चिम एशिया
      • सिंधु घाटी
      • प्राचीन विश्व
    • विषय
      • दर्शन
      • इतिहास
      • भूगोल
    • पुस्तक
      • बाइबिल
      • हिंदू
      • क़ुरआन
      • इंटरफेथ
  • वीडियो गैलरी
  • लेखक
  • English
  • Contact Us
  • Toggle search form
Historicity of the Garden of Eden

मेरे अध्ययन के अनुसार बाइबिल और कुरानिक धर्मों की उत्पत्ति सिंधु घाटी में हुई थी और मूसा ने मिस्र से नहीं, बल्कि सिंधु घाटी से पलायन (Exodus) का नेतृत्व किया था 1446 ईसा पूर्व के आसपास, जो पारंपरिक रूप से पलायन का समय माना जाता है। मिस्र में यहूदियों का कोई पुरातात्विक साक्ष्य नहीं है। इसके विपरीत सिंधु घाटी सभ्यता लगभग 1500 ईसा पूर्व के आसपास ध्वस्त हो गई थी जिसके कारण वहां के लोग सभी दिशाओं में फैल गए। इन लोगों में से कुछ पश्चिम एशिया गए और वही यहूदी बन गए। मूसा ने आदम, नूह और अब्राहम की यादें सिंधु घाटी से लीं और ये सभी व्यक्ति मूल रूप से सिंधु घाटी में रहते थे। इन यादों को बाइबिल में समाहित कर लिया गया। महाभारत के मौसल पर्व में उल्लेख है कि यादवों के आपसी संघर्ष के बाद कृष्ण एक अज्ञात देश के लिए रवाना हो गए। यह अज्ञात देश इसराइल था जिससे यह संकेत मिलता है कि कृष्ण ही मूसा थे।

  • क्या भगवान कृष्ण की असली मथुरा सिंध में है? Area
  • इस्लाम में पुनर्जन्म Abrahamic
  • क्या बाइबल और वायु पुराण में आदम या मनु की कहानी एक ही है? Ancient World
  • केवल आस्था से नही तय हो सकता है वाल्मीकि आश्रम का स्थान? Area
  • ब्रह्मांड की सार्वभौमिक चेतना अल्लाह है? Abrahamic
  • बाइबल का ‘मित्स्रायिम ’ सिंधु घाटी में स्थित हो सकता है | Ancient World
  • असमान पश्चिम बनाम असमान इस्लाम? Abrahamic
  • बेद मणि Archaeologist

यहूदियों की उत्पत्ति से सिन्धु घाटी के लक्ष्यों का मिलान।

Posted on July 4, 2024August 28, 2024 By ekishwar 32 Comments on यहूदियों की उत्पत्ति से सिन्धु घाटी के लक्ष्यों का मिलान।

यहूदी भारत से निकले हुए हैं इसका समग्र प्रमाण देखने की जरूरत है। केवल भूगोल या अनुवांशिकी से यह तथ्य स्थापित नहीं होता है। इसलिये आज हम आठ अलग-अलग प्रमाणों पर इस हाइपोथेसिस को देखेंगे कि क्या वास्तव में यहूदी इजिप्ट से निकलकर इजराइल गये या भारत से निकलकर इजराइल गये?

पहला प्रमाण यह है कि क्या यहूदियों के एक्सोडस की कहानी उस स्थान के लिटरेचर में मिलती है जहां से वह निकल कर गये। इजिप्ट में यहूदियों के बाहर जाने का कोई भी प्रमाण इजिप्ट के लिटरेचर में नहीं मिलता है। वहां अधिक से अधिक यह मिलता है कि हिक्सोस नाम के कुछ एशियाई लोग किसी समय इजिप्ट में आये और वहां उन्होंने अपना शासन किया। इसके बाद वे हार गये। उन्हें वहां से भगा दिया गया। लेकिन एक्सोडस में हार कर भागने की बात नहीं है इसलिये यह एक्सोडस की कहानी से मेल नहीं खाता है।

इसकी तुलना में भारत में सर्वप्रथम ईसाई इतिहासकार जोसेफस ने एरिस्टोटल के हवाले से कहा कि Jews भारत से निकले हैं। महाभारत के मौसल पर्व अध्याय 6 में विवरण आता है कि किसी समय कृष्ण यादवों को लेकर प्रभास तीर्थ चले गये थे। वहां पर मारकाट हुई और उस मारकाट के बाद कृष्ण वापस वासुदेव से मिलकर चले गये। उसके कुछ समय बाद अर्जुन द्वारका आये और वासुदेव से मिले। उस समय वासुदेव ने उनसे कहा कि “हे अर्जुन तुम्हारा सखा कृष्ण मुझे स्त्रियों और बच्चों के साथ यहां छोड़कर किसी अज्ञात स्थान को चला गया है।”  इससे स्पष्ट प्रमाण मिलता है कि कृष्ण कहीं गये और पूरी संभावना है कि यह अज्ञात स्थान इजराइल हो सकता है।

दूसरा बिंदु एथनोग्राफी या जनता के विचारों का है। पश्चिम एशिया के लोगों में इस बात का कोई विवरण नहीं मिलता कि यह Jews भारत से निकल कर आये हो। लेकिन जो वर्तमान में उपलब्ध बाइबल है उसमे 539 BCE तक परिवर्तन होते रहे हैं। एक्सोडस लगभग 1500 ईसा पूर्व हुआ और 540 BCE तक इसमें परिवर्तन होते रहे। छठी सदी BCE में Jews को इजराइल से निकालकर बेबिलोनिया दास बनाकर ले  जाया गया था। उस समय इन लोगों की सिंधु घाटी में रहने की याददाश्त लुप्त प्राय हो गई और मित्स्राइम को इस समय भारत से हटाकर इजिप्ट पर ले जाया गया। यह नाम मथुरा का अपभ्रंश है। दोनों में MTR वर्ण मिलते हैं।

इतिहासकार स्टीफन नेप कहते हैं कि Name Israel is actually derived from the Sanskrit word Iswaraliya which means the abode of Isha and Krishna god the name Jerusalem is also derived from Jerusalem or Sanskrit ishayalam which signifies the township of lord Krishna। Isha means god the supreme controller and Yadu refers to Yadu.

यादव हिस्ट्री वेबसाइट पर कहा गया है कि हिब्रू की धार्मिक पुस्तक कबाला वेदों से संबंधित है। हमारे प्रथम राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन कहते हैं कि The Greek asserted the Jews were from Indian called Kalami.

अमरेंद्र सिंह द्वारा वेबसाइट पर दिया गया हैं कि Jews are non-other than Yadavs of India–a tribe in which Krishna–the godly figure of India was born.

तीसरा बिंदु अनुवांशिकी या जेनेटिक है। सामान्यतः माना जाता है कि Jews आधा अनुवांशिकी इतिहास मिडिल ईस्ट या पश्चिमी एशिया को और आधा यूरोप से जोड़ा जाता है लेकिन यह बात वर्तमान की है। Jews जब भारत से निकलकर 1500 ईसा पूर्व में गये तो उस समय से आज तक 3500 वर्ष हो चुके हैं। इन 3500 वर्षों में इन्होंने तमाम अंतर्विवाह किये इसलिये जो ओरिजिनल भारत की अनुवांशिकी हेरिटेज थी इनकी वह डाइल्यूट हो गई है।

संघमित्र साहू और उनके साथियों ने भारतीयों के अनुवांशिकी पर अध्ययन किया इन्होंने कहा कि एक विशेष जीन है जिसे R-M124 कहा जाता है। यह जीन 1% आशकेनाजी Jews में पाया जाता है। आशकेनाजी Jews के सबसे पुराने घटक है। यह R-M124 जीन भारत में प्रचुर पॉपुलेशन में पाया जाता है: पश्चिम बंगाल के कर्मालियो में 100%, जौनपुर के क्षत्रियों में 87% और बिहार के यादवों में 50%। सही है कि R-M124 पश्चिम एशिया और अन्य देशों में भी पाया जाता है लेकिन कहीं भी R-M124 का इतना कंसंट्रेशन नहीं है। प्रचुर मात्रा में R-M124 जीन का उपलब्ध होना यह बताता है कि R-M124 जीन का स्त्रोत्र भारत है।

सिंधु घाटी के पतन के साथ वहां के यादव निकले और वह पूर्वी भारत में आकर बस गये। इससे स्थापित होता है कि जो आशकेनाजी Jews में 1% R-M124 जीन पाया जाता है उसकी भारत से आने की संभावना ज्यादा है।

चौथा विषय हिब्रू भाषा का है। यदि हिब्रू इजिप्ट से निकले तो इजिप्ट के शब्दों का उनमें समावेश होना चाहिए। यदि वह भारत से निकले तो भारत के शब्दों का समावेश होना चाहिए। इस संबंध में बेंजामिन नूनन ने एक गहन अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि Jews जब बेबिलोन में दास के रूप मे लगभग 60 वर्षों के लिये ले जाए गये उस समय पर्शिया के 0.6% शब्द हिब्रू में समावेश पाया जाता है। इसी प्रकार उनका कहना है कि जब हिब्रूस इजिप्ट को छोड़कर इजराइल पहुंचने के पहले 40 वर्ष तक घूमते रहे उस अवधि में इजिप्शियन के 0.6% शब्द हिब्रू भाषा में समावेश हो गये। लेकिन समस्या यह है कि यदि इजिप्ट से निकलने के पहले हिब्रू इजिप्ट में 400 वर्षों तक रहे, तो उस समय भी तो कुछ इजिप्शियन शब्द हिब्रू भाषा में घुसे होंगे। अगर हम पर्शिया के 60 वर्षों में 0.6% शब्दों के समावेश को माने तो इजिप्ट के 440 वर्षों में 5% इजिप्शियन शब्दों का हिब्रू भाषा में समावेश होना चाहिए था। वह नहीं है। इसका अर्थ है कि एक्सोडस इजिप्ट से नहीं हुआ।

भारत में समस्या है कि सिंधु घाटी सभ्यता की भाषा अभी तक पढ़ी नहीं जा सकी है इसलिये हम शब्दों के समावेश की तुलना नहीं कर सकते हैं। फिर भी एस. आर. राव ने बताया है कि सिंधु घाटी सभ्यता और नॉर्थवेस्ट सेमिटिक भाषा जिसका एक अंश हिब्रू लैंग्वेज को माना जाता है–इन दोनों भाषाओं के चिन्हों में बहुत समानता है। उनके द्वारा एक चार्ट दिया गया है जिसमे पहले 15 साइन बिल्कुल दोनों भाषाओं में बराबर है।

अगला विषय पुरातत्व का है। क्या उस समय के पुरातत्व प्रमाण एक्सोडस से मैच करते हैं? मैं दो बिंदुओं पर विशेष ध्यान दूंगा। पहला पकी हुई ईंटा को बनाना है । जिसमें घास से ईंटों को पकाते थे। बाइबल के अनुसार जो हिब्रूस का फैरवा से विवाद इस बात को लेकर हुआ कि फैरवा ने उनसे कहा कि आज के बाद आपको घास उपलब्ध नहीं कराई जाएगी और आपको घास स्वयं बटोर के लानी होगी यद्यपि आपको ईंटा उतनी ही बनानी पड़ेंगी। लेकिन इजिप्ट में पकी हुई ईंट का उपयोग नहीं होता था। कच्ची मिट्टी को सुखाकर ईंटा का प्रयोग होता था। इन ईंटा में केवल 1% भूसा डाला जाता था जबकि सिंधु घाटी सभ्यता में पकी हुई ईंटा लगती थी और उनको पकाने में आधा खर्च भूसे का होता था जो कि ईधन की तरह उपयोग होता था। अतः फैरवा और Jews के बीच भूसे के विवाद के इजिप्ट में होने की संभावना बहुत कम है क्योंकि भूसा केवल 1% उपयोग होता था। वही विवाद भारत में होने की ज्यादा संभावना है क्योंकि यहां पर भूसे का उपयोग ईंटा पकाने के लिये बहुत ज्यादा होता था।

पुरातत्त्व का दूसरा विषय नदी का है। बाइबल में कहा गया है कि जब फैरवा और मोसेस के बीच में तनातनी हुई तो मोसेस ने अपनी छड़ी को पानी में डाला और वह पानी खून हो गया। हिब्रू में पानी को डैम कहा जाता है जैसे हमारे यहां बांध को डैम बोलते हैं। उसका अर्थ होता है रोकना। तो अर्थ हुआ कि पानी बहना रुक गया था। बिल्कुल यही बात भारतीय शास्त्रों में अलग ढंग से कही गई है। कहानी इस प्रकार है कि किसी समय कंस श्री कृष्ण को मारना चाहता था। उन्होंने अक्रूर को भेजा कि आप कृष्ण और बलराम को गोकुल से लेकर आइये। भागवत पुराण में कहा गया कि जब वह आ रहे थे तो किसी स्थान पर रुककर अक्रूर जी ने यमुना के तालाब में हरे पानी में स्नान किया | इससे प्रमाणित होta है कि यमुना के तालाब बन गये थे यानी यमुना बहना बंद हो गई थी। आर्कियोलॉजी बताती है कि लगभग 1500 ईसा पूर्व यमुना नदी जो वर्तमान में हिमालय से निकलकर यमुना नगर से पूरब में जाकर गंगा नदी से मिलती है; उस समय वह यमुना नगर से पश्चिम को बहती थी। आज उसके सूखे पात को चौटांग नाम से जाना जाता है। यमुना पश्चिम में हिसार, भादड़ा, नोहर आदि होते हुए रन ऑफ कच्छ में गिरती थी। यमुना का प्रवाह पश्चिम की जगह पूरब का हो गया तो पश्चिम की यमुना सूख गई, यमुना में तालाब बन गये, उसमें काई हो गई और वह पानी हरा हो गया। इसलिये जो नदी रुकने की बात भारत के पुरातत्त्व प्रमाणों से मैच करती है और इजिप्ट में इसका एक रत्ती भी नामो निशान नहीं है।

छटा बिंदु कहानी का है। इजिप्ट में अधिकतम यह मिलता है कि एक कोई व्यक्ति वहां से भागकर एशिया चला गया था। दूसरे, सात वर्ष का सूखा जोसेफस ने बताया और सात वर्ष का सूखा वहां पड़ा था। लेकिन जो कहानी के पात्र हैं उनकी कहानियों में कोई समानता नहीं दिखती। हिंदू दृष्टि से मैं तीन उदाहरण देना चाहूँगा। पहला यह कि जोसेफस कहते हैं की Tharbis, the daughter King of the Ethiopians felt deeply in love with Moses and sent to him the most faithful servant to discourse with him upon their marriage. इसके बाद मोसेस ने इथोपिया पर आक्रमण किया, Tharbis को जीता और उससे विवाह किया। हिंदू कहानी के अनुसार रुकमणी जी ने एक ब्राह्मण को श्री कृष्ण के पास भेजा और उनसे कहा हे विश्व के सबसे सुंदर व्यक्ति मैंने आपको अपने पति के रूप में चयन किया है आप आकर मेरा हाथ थामिए। यह समाचार प्राप्त करने के बाद भगवान कृष्ण ने अवंतीपुर पर आक्रमण किया और रुकमणी का हरण कर उनसे विवाह किया। बाइबल और हिंदू कहानी बिल्कुल एक दूसरे की कार्बन कॉपी है।

दूसरी कहानी यह है कि किसी समय मूसा साईनाई के पर्वत पर भगवान की पूजा करने गये। पीछे से उनके भाई एरौन ने सोने का एक बच्छड़ा बनाया और वह लोग उसके चारों तरफ नाचने लगे। जब मूसा वापस आये तो उन्हें बहुत क्रोध आया क्योंकि वह तो “एक ईश्वर” की उपासना करते थे। तो उन्होंने उस सोने के बैल का चूर्ण बनाया, चूर्ण को पानी में डाला और उन सब हिब्रूस को वह पानी पिलाया। फिर उन सब से कहा Let every man put his word his site and go in and out from entrance to entrance throughout the camp and let every man kill his brother, kill his companion and his neighbour. भयंकर मारकाट हुई। बिल्कुल यही कहानी हिंदू शास्त्रों में आती है। जिस समय द्वारका पर संकट मंडरा रहे थे उस समय कुछ बालकों ने कुछ संतों के साथ मजाक करने के लिये एक लड़के के पेट पर एक लोहे का मुगदर बांधा और संतों से जाकर पूछा कि बताइए इस लड़की को लड़का होगा या लड़की? संतों ने अपनी दिव्य चक्षु से देख लिया कि इसमें तो मुगदर बंधा हुआ है। तो उन्होंने उनको श्राप दिया कि यह जो मुगदर है यह यादव कुल के नाश का कारण होगा। तब यादवों ने उसका उपचार करने का सोचा। उन्होंने उस मुगदर का चूर्ण बनाया और उस चूर्ण को समुद्र में फेंक दिया। इसके बाद जब कृष्ण यादवों को लेकर द्वारका से निकले तो प्रभास तीर्थ में वे शराब पीकर मस्त हो गये और बेटे ने बाप को, भाई ने भाई को, भतीजे ने चाचा को, दादा ने पोते को, मित्र ने मित्र को मारा। जब उनके तीर खत्म हो गये तब उन्होंने उस चूर्ण से उत्पन्न हुई अरेका घास को अस्त्र के रूप में उपयोग करके उससे एक दूसरे को मारा। हम देखते हैं कि दोनों कहानियों में पहली समानता यह है कि एक में धातु के वस्तु का चूर्ण बनाया गया, दूसरी यह कि उस चूर्ण के कारण आपस में मारकाट हुई। इस प्रकार की समानता हमको इजिप्ट के लिटरेचर में बिलकुल भी नहीं मिलती है।

सातवा बिंदु नाम का है। क्या व्यक्तियों के नाम जो बाइबल में लिये गये क्या उनके समतुल्य नाम इजिप्ट में एवं भारत में मिलते हैं? योशयुकी मुचकी ने अध्ययन करके बाइबल के हिब्रू नामों और इजिप्ट के नामों की तुलना की है। उन्होंने केवल दो बाइबल के प्रमुख नामों को कुछ हद तक इजिप्ट में पाया। पहला है पृष्ठ 217 पर।

वे कहते हैं कि मोसेस नाम के जो एम एस M S वर्ण है उनका अर्थ इजिप्ट में बच्चा होता है। इसका सेमिटिक भाषा से संबंध हो सकता है लेकिन इसका हिब्रू से संबंध नहीं है। दूसरा नाम जोसेफ का है। वे कहते हैं कि इस नाम का भी इजिप्शियन से कोई लेनदेन दिखाई नहीं पड़ता है।

इसकी तुलना भारत से करें तो मैं आपके सामने यह 22 नाम रख रहा हूँ जो बिल्कुल उसी क्रम में हैं। केवल नाम ही नहीं मिलते लेकिन नाम उसी क्रम में मिलते हैं।

पहला हिब्रू में एलोहिम जिसकी सृजनात्मक शक्ति को बी आर कहा जाता है यही हमारा हिंदू ब्रह्म हुआ।

दूसरा हिब्रू में अदम पहला मनुष्य था। भारत में मनु उसे बोलते जो स्वयं अपने को उत्पन्न किया उसको स्वयंभू मनु कहते हैं।

तीसरा हिब्रू में ईव का मतलब हुआ “जीवन”। स्वयंभू मनु की पत्नी शतरूपा का दूसरा नाम था तनु और उसका मतलब भी जीवन होता है।

चौथा अदम के पुत्र केन का मतलब  भाला होता है और इंद्र जो उसके समरूप स्वयंभू मनु के वंशज थे उनके नाम का अर्थ भी भाला होता है।

पांचवा केन के भाई या अदम के दूसरी संतान एबल का संबंध पानी की वाष्प से है। यही बात इंद्र के भतीजे वृत के लिये लागू होती है। उनका भी नाम का अर्थ पानी से है।

छटा, बाइबल के नोआ को मनोवा भी लिखा जाता है। मनोवा से बना मनु। यह हमारे दूसरे मनु हुए जिनको वैवस्वत मनु कहा जाता है जिनके समय बाढ़ हुई। नोवा के समय बाइबल में बाढ़ हुई और मनु के समय भारत में बाढ़ हुई।

सातवा नाम आरफाक्साड है जिसका भारतीय वर्जन इक्ष्वाकु हुआ जैसा आप इस चित्र में देख सकते हैं। यह दोनों एक दूसरे से इनके वर्ण मिलते हैं।

आठवा नाम, आरफाक्साड के वंशज हुए सेला जिस शब्द का मतलब होता है बीज का उगना। इनके समतुल्य हिंदू धर्म में हुए पृथु जिनको कहा जाता है कि उन्होंने धरती को दुहा। पौधों का उगना और धरती को दोहना दोनों एक ही बात है।

सेलाह के पुत्र हुए एबर। इनका अर्थ होता है कि अपने क्षेत्र से आगे जाना। पृथु के संतान हुए सगर जिन्होंने सागर को बढ़ाया।

एबर के पुत्र हुए पेलेग जिसका अर्थ है नहर बनाना। सगर के पुत्र हुए भागीरथ जिन्होंने गंगा को नहर बना कर के नीचे लाये थे।

पेलेग के पुत्र हुए रिहु। भागीरथ के पुत्र हुए रघु,

रिहु के पुत्र हुए सेरग। रघु के पुत्र हुए सिघरघ।

सेरग के पुत्र हुए नाहोर। सिघरघ के पुत्र हुए नहुष।

नाहोर के पुत्र हुए तेरह। नहुष के पुत्र हुए दशरथ।

तेरह के पुत्र हुए एब्रहम जिनका ओरिजिनल नाम अबराम था। अब्रराम यानी पिता राम।

एब्रहम की पत्नी का नाम हुआ सारा। राम की पत्नी का नाम हुआ सीता।

एब्रहम के भाई का नाम था हरान जिसका अर्थ होता है पहाड़ चढ़ने वाला माउंटेनियर। राम के भाई हुए भरत जिनके नाम का अर्थ भी पहाड़ पर चढ़ने वाला होता है।

एब्रहम के भतीजे का नाम हुआ लोट। राम के छोटे भाई का नाम हुआ लक्ष्मण।

मोसेस के पिता का नाम हुआ अमराम जिसका अर्थ होता है दिव्य लोक। कृष्ण के पिता का नाम हुआ वासुदेव जिसका मतलब होता है विशेष लोक।

मोसेस के मां का नाम हुआ जोकेबेड जिसका मतलब होता है ईश्वर की दिव्यता। कृष्ण की मां का नाम हुआ देवकी जिनका मतलब होता है दैविक।

मोसेस स्वयं काले थे और कृष्ण का रंग भी काला था।

मोसेस के भाई का नाम था एरौन जबकि कृष्ण के भाई का नाम था बलराम।

यह जो 22 नामों की समानांतरता है और विशेषकर एक ही क्रम में है यह प्रमाणित करते हैं कि यह एक ही लोग थे।

आठवां और आखिरी बिंदु भूगोल का है। जो हिब्रूस ने भारत से इजराइल का रास्ता अपनाया उसको दिखाया गया कि तीन जल को क्रॉस किया। बाइबल पहला यामसुफ वह था जिसे भगवान ने पानी को फाड़ दिया और हिब्रूस सूखी जमीन पर पार चल गये। मेरे अनुसार यह सिंधु नदी थी जिसको पार करके ये लोग भारत से इजराइल को गये। सिंधु नदी के क्षेत्र में एक विशेष प्रकार के ज्वालामुखी फटते हैं जिसमें लावा के स्थान पर मिट्टी नीचे से निकलती है। सिंधु नदी के ऊपर किसी स्थान पर एक मिट्टी का ज्वालामुखी फूटा, उसने सिंधु नदी के पानी को बहने से कुछ समय के लिये रोक लिया, हिब्रूस ने सूखी नदी को पार किया, फिर वह मिट्टी को नदी ने काटा, पानी वापस आया और उसने फैरवा को डूबा लिया। इजिप्ट में पानी को फाड़ने का कोई प्राकृतिक प्रमाण नहीं मिलता है।

बाइबल के अनुसार दूसरा यामसुफ नंबर्स 33.10 में बताया गया। यह मेरा अनुमान है कि अफगानिस्तान में एक जल का विशाल तालाब है जिसे hamun e-mashkel कहते हैं। इसके पास से यह हिब्रूस गुजरे होंगे।

तीसरा यामसुफ। मेरे समझ से जब ये लोग तेहरान के आगे इजराइल को जाना चाहते थे तो इन्होंने शट-अल अरब को पार किया होगा। यह एक पानी का दरिया है जिसमें टिगरिस और यूफ्रेटिस दोनों नदियों का संगम है।

तो भारत से इजराइल की यात्रा में हमको यह तीन यामसुफ मिलते हैं। इजिप्ट में इस प्रकार के ना तो तीन पानी के स्त्रोत मिलते हैं और ना ही पानी फटने का कोई प्राकृतिक प्रमाण मिलता है।

दूसरा बिंदु माउंट साईनाई का है। बाइबल के अनुसार जब मोसेस माउंट साईनाई पर गये और 40 दिन तक उन्होंने भगवान की वहां पूजा अर्चना की तो उस समय वहां धुआं निकला और आवाज हुई तो जिससे माना जाता है यह एक ज्वालामुखी का फटना था। अब इजिप्ट से इजराइल के रास्ते में कोई ज्वालामुखी दूर-दूर तक नहीं है जो आज से 3000-4000-5000 वर्ष पूर्व फटा हो।

जबकि यदि भारत से आप इजराइल जायें तो बीच में एक स्थान आता है टाफटान। वहां पर एक ज्वालामुखी है जिसमें आज भी थोड़ी गंधक के विस्फोट होते हैं और धुआं निकलता है तो यह ज्वालामुखी हो सकता है जहां मोसेस ने पूजा अर्चना की हो।

इस प्रकार हमने आठ प्रकार के प्रमाण देखे। हम मानते हैं कि Jews जो भारत से निकले वह सही बात है और इसके ऊपर हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए।

मेरे अनुसार बाइबल सही इतिहास है केवल बाद के समय में जो स्थान बताए गये वह पलट दिए गये और उसके कारण यह बाइबल के सच्चाई के ऊपर तमाम प्रश्न उठने लगे हैं। इसलिये यदि हम बाइबल की कहानी को भारत से जोड़े और भारत से हिब्रूस के निकलने को माने तो यह कहानी बाइबल की ऐतिहासिकता को भी सत्यापित करती है इस विषय पर और अध्ययन करने की जरूरत है।

See full video: https://youtu.be/F0oUEuenalU

Spotify: https://podcasters.spotify.com/pod/show/bharat-jjj/episodes/Egypt-e2kvh0b

Whatsapp group, join :  https://chat.whatsapp.com/ISkPODp1TES9Vw0Ud33Kkc

Abrahamic, Ancient World, Bible, Geography

Post navigation

Previous Post: क्या ईसा मसीह भारत आये थे? ईसा मसीह भारत क्यों आये थे ? यीशु मसीह की भारत यात्रा।
Next Post: हमास-इज़राइल संघर्ष की धार्मिक जड़ें।

32 responses to “यहूदियों की उत्पत्ति से सिन्धु घाटी के लक्ष्यों का मिलान।”

  1. रामसिंह says:
    July 7, 2024 at 3:48 am

    जबर्दस्त विश्लेषण

  2. Facebook Downloader says:
    August 30, 2024 at 10:13 pm

    Your writing has a way of resonating with me on a deep level. It’s clear that you put a lot of thought and effort into each piece, and it certainly doesn’t go unnoticed.

  3. Anonymous says:
    November 19, 2024 at 6:24 pm

    Going through several IUI cycles may mean a couple can t afford IVF later priligy over the counter usa

  4. Anonymous says:
    November 20, 2024 at 7:09 am

    2000; 60 1095 1122 paxil or priligy dextroamphetamine amphetamine methylphenidate hydrochloride methylphenidate hydrochloride lisdexamfetamine dimesylate

  5. orgone says:
    January 1, 2025 at 7:29 am

    devido a esta maravilhosa leitura!!! O que é que eu acho?

    http://bambolaartigianale.wikidot.com/blog:1

  6. kasutatud naiste says:
    January 5, 2025 at 4:10 pm

    Znáte nějaké metody, které by pomohly omezit krádeže obsahu? Rozhodně bych ocenil

    https://tastyslips.com/et/vendors/littledream20

  7. б/у жіноче взуття says:
    January 10, 2025 at 10:01 am

    ) سأعيد زيارتها مرة أخرى لأنني قمت بوضع علامة كتاب عليها. المال والحرية هي أفضل طريقة للتغيير، أتمنى أن تكون غنيًا و

    https://tastyslips.com/uk/products/495916/

  8. использованное нижнее белье says:
    January 11, 2025 at 9:39 am

    enten oprettet mig selv eller outsourcet, men det ser ud til

    https://tastyslips.com/ru/products/495916/

  9. ropa interior de encaje para mujer says:
    January 12, 2025 at 2:03 pm

    Tak skal du have!|Olá, creio que este é um excelente blogue. Tropecei nele;

    https://tastyslips.com/es/products/499648/venta-de-bragas-usadas-braguitas-negras-con-perlas

  10. cam girl says:
    January 13, 2025 at 9:11 am

    fortsæt med at guide andre. Jeg var meget glad for at afdække dette websted. Jeg er nødt til at takke dig for din tid

    https://it.stripchat.com/littledream20/profile

  11. sapatos femininos usados says:
    January 13, 2025 at 5:14 pm

    e dizer que gosto muito de ler os vossos blogues.

    https://tastyslips.com/pt/products/492578/calcinhas-usadas-para-venda-culottes-de-renda-preta

  12. čipkasto žensko spodnje perilo says:
    January 14, 2025 at 2:38 pm

    devido a esta maravilhosa leitura!!! O que é que eu acho?

    https://tastyslips.com/sl/vendors/littledream20

  13. použité dámské boty says:
    January 15, 2025 at 11:54 am

    e dizer que gosto muito de ler os vossos blogues.

    https://tastyslips.com/cs/products/492578/pouit-kalhotky-na-prodej-black-lace-culottes

  14. vendita mutandine użyj says:
    January 16, 2025 at 9:23 am

    https://tastyslips.com/pl/products/492671/uywane-rajstopy-na-sprzeda-czarne-baweniane-rajstopy

  15. verkauf von gebrauchten Höschen says:
    January 17, 2025 at 12:00 pm

    pokračujte v pěkné práci, kolegové.|Když máte tolik obsahu a článků, děláte to?

    https://tastyslips.com/de/products/492578/gebrauchte-hoeschen-zu-verkaufen-schwarze-spitze-culottes

  16. 出售二手内裤 says:
    January 18, 2025 at 8:54 am

    Greetings from California! I’m bored to death at work so I decided to browse your blog on my iphone during lunch break. I enjoy the info you present here and can’t wait to take a look when I get home. I’m surprised at how quick your blog loaded on my phone .. I’m not even using WIFI, just 3G .. Anyways, excellent site!

    https://tastyslips.com/zh/products/492671/

  17. dantel kadın iç çamaşırı says:
    January 18, 2025 at 3:43 pm

    This is very interesting, You are a very skilled blogger. I’ve joined your feed and look forward to seeking more of your excellent post. Also, I have shared your site in my social networks!

    https://tastyslips.com/tr/products/492693/satlk-kullanlm-kuelot-spor-leotard

  18. δαντέλα γυναικεία εσώρουχα says:
    January 26, 2025 at 1:27 pm

    https://tastyslips.com/el/vendors/littledream20

  19. заняться сексом says:
    January 30, 2025 at 10:31 am

    také jsem si vás poznamenal, abych se podíval na nové věci na vašem blogu.|Hej! Vadilo by vám, kdybych sdílel váš blog s mým facebookem.

    https://tastyslips.com/ru/vendors/littledream20

  20. sevişmek says:
    February 3, 2025 at 4:39 pm

    Pretty section of content. I just stumbled upon your site and in accession capital to assert that I acquire in fact enjoyed account your blog posts. Anyway I will be subscribing to your augment and even I achievement you access consistently quickly.

    https://tastyslips.com/tr/vendors/littledream20

  21. spitzenunterwäsche says:
    February 4, 2025 at 7:14 am

    værdsætter dit indhold. Lad mig venligst vide det.

    https://tastyslips.com/de/vendors/littledream20

  22. dames ondergoed says:
    February 4, 2025 at 1:41 pm

    fortsæt med at guide andre. Jeg var meget glad for at afdække dette websted. Jeg er nødt til at takke dig for din tid

    https://tastyslips.com/nl/vendors/littledream20

  23. dámské spodní prádlo says:
    February 5, 2025 at 2:00 pm

    webové stránky jsou opravdu pozoruhodné pro lidi zkušenosti, dobře,

    https://tastyslips.com/cs/vendors/littledream20

  24. kamerzystka says:
    February 6, 2025 at 7:52 am

    I just added this web site to my google reader, excellent stuff. Can not get enough!

    https://tastyslips.com/pl/vendors/littledream20

  25. 二手内衣裤哪里买 says:
    February 17, 2025 at 4:26 pm

    This is very interesting, You are a very skilled blogger. I have joined your feed and look forward to seeking more of your fantastic post. Also, I have shared your web site in my social networks!

    https://tastyslips.com/zh/products/495916/

  26. trosor till salu says:
    February 19, 2025 at 12:13 pm

    Com tanto conteúdo e artigos, alguma vez se deparou com problemas de plágio ou violação de direitos de autor? O meu site tem muito conteúdo exclusivo que eu próprio criei ou

    https://tastyslips.com/sv/products/517640/begagnade-underklaeder-begagnade-underklaeder-till-salu

  27. менструальные трусики says:
    February 21, 2025 at 4:52 pm

    pokračujte v pěkné práci, kolegové.|Když máte tolik obsahu a článků, děláte to?

    https://tastyslips.com/ru/products/517617/

  28. naisten alusvaatteet helsinki says:
    February 28, 2025 at 12:16 pm

    muito dele está a aparecer em toda a Internet sem o meu acordo.

    https://tastyslips.com/fi/products/517628/naisten-alusvaatteet-myytaevaenae-kaeytetyt-sukat-myytaevaenae

  29. dantel iç çamaşırı takımı says:
    March 5, 2025 at 6:35 pm

    O conteúdo existente nesta página é realmente notável para a experiência das pessoas,

    https://tastyslips.com/tr/products/517609/satlk-ikinci-el-kuelot-ve-seksing-kadn-i-giyim

  30. kanten dames ondergoed says:
    March 7, 2025 at 8:34 pm

    Throughout the great scheme of things you’ll get an A with regard to effort and hard work. Where exactly you confused me was first on all the particulars. You know, it is said, details make or break the argument.. And it couldn’t be much more accurate here. Having said that, allow me inform you just what did deliver the results. The authoring is certainly really powerful and this is probably why I am making the effort in order to opine. I do not really make it a regular habit of doing that. Secondly, despite the fact that I can see the leaps in reason you make, I am not sure of just how you seem to unite your ideas which inturn produce the conclusion. For now I shall yield to your point however wish in the foreseeable future you actually link the facts much better.

    https://tastyslips.com/nl/products/517609/gebruikte-slipjes-te-koop-en-sexing-vrouwen-ondergoed

  31. używane buty damskie markowe says:
    March 9, 2025 at 4:43 pm

    Oh my goodness! Impressive article dude! Many thanks, However I am going through issues with your RSS.I don’t understand the reason why I am unable to join it.Is there anybody else having similar RSS issues?Anyone who knows the solution can you kindly respond?Thanks!!

    https://tastyslips.com/pl/products/517609/uywane-majtki-na-sprzeda-i-seksowanie-bielizna-damska

  32. roupa interior feminina triumph says:
    March 26, 2025 at 12:22 am

    The planet are actually secret by having temperate garden which are usually beautiful, rrncluding a jungle that is certainly certainly profligate featuring so many systems by way of example the game courses, golf process and in addition private pools. Hotel reviews

    https://tastyslips.com/pt/products/492693/roupa-interior-feminina-roupa-interior-usada

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Group

Subscribe Posts

Buy Now Our Book

  • Buy Amazon Rs 400 for India
  • Buy Amazon $ 6.12 for Kindle
  • Buy Amazon $ 19.99 for Other
  • बिशप थॉमस दब्रे Biblical
  • क्या मनु ही नूह थे? Geography
  • बेद मणि Archaeologist
  • बाइबल का ‘मित्स्रायिम ’ सिंधु घाटी में स्थित हो सकता है | Ancient World
  • क्या इजरायली यहूदी ही यदुवंशी हैं Area
  • इस्लाम में पुनर्जन्म Abrahamic
  • अब्राहमिक और हिंदू विशिष्ट व्यक्तियों के नामों में समानता क्यों? Ancient World
  • केनेथ न्ग्वा Archaeologist

Address: Lakshmoli, Kirti Nagar, District Tehri, Uttarakhand, 249161, India

Phone no : +91-9917144777

Email: bharatjj@gmail.com

Recent Post

  • अल्लाह और अल्लाह या ब्रह्म एक ही हैं
  • काफ़िर वह जो जानते हुए भी अल्लाह को नकारे
  • इस्लाम में पुनर्जन्म
  • क्या कुरान मूर्तिपूजा को नकारती है?
  • पुनर्जन्म की सत्यता क्या है?

Visitor counter

Search

Copyright © 2025 यहूदी, ईसाई, मुस्लिम एवं हिन्दू के साझा पूर्वज.