हिन्दू और बाइबल के धर्मों में एक मौलिक अंतर आदम की कहानी का बताया जाता है. हिन्दू धर्म के अनुसार आदम के समकक्ष स्वयंभू मनु ने कोई पाप नहीं किया और न ही उन्हें श्रापित किया गया. लेकिन बाइबल के अनुसार आदम ने परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करते हुए ज्ञान के वृक्ष का सेवन किया और उन्हें श्रापित किया गया. हम इस पोस्ट में बाइबल के दो अलग-अलग विवेचना करेंगे. एक, मध्यधारा के अनुसार जिसमे आदम को श्रापित किया गया और दूसरा हम आपके सामने अपनी वैकल्पिक विवेचना प्रस्तुत करेंगे जिसमे हम दिखायेंगे की बाइबल और वायु पुराण समानान्तर हैं.
बाइबल के जेनेसिस की किताब की पहली पुस्तक में कहा गया है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया. जेनेसिस 1:27. इसकी दो विवेचना हो सकती है. एक विवेचना यह कि परमेश्वर ने मनुष्य को जाग्रत और पूर्ण अवस्था में उत्पन्न किया और दूसरी विवेचना हो सकती है कि परमेश्वर ने मनुष्य को उत्पन्न किया लेकिन वह आलसी था.
वायु पुराण में बताया गया कि ब्रह्मा ने पहले हजार जोड़ो के चार सेट मनुष्य उत्पन्न किए लेकिन उन्होंने सृष्टि कर्म नहीं किया यानी वे आलसी थे. हम बाइबल के इस कथन को इस प्रकार समझ सकते हैं कि यद्यपि परमेश्वर ने मनुष्य को उत्पन्न किया लेकिन मनुष्य ने परमेश्वर की इच्छानुसार सक्रियता और जाग्रतता नहीं दिखाई बल्कि वह आलसी बना रहा. यह विवेचना वायु पुराण के हजार जोड़ो के निष्क्रिय होने के समानान्तर हो जाती है.
इसके बाद जेनेसिस की दूसरी किताब में कहा गया है कि भूमि पर खेती करने के लिए उस समय मनुष्य नहीं था. इसकी भी दो विवेचना हो सकती है. एक यह की मनुष्य उत्पन्न हुआ ही नहीं था और दूसरी विवेचना यह हो सकती है कि मनुष्य था लेकिन वह खेती करने के प्रति रूचि नही रखता था. यदि हम बाइबल के इस कथन को इस प्रकार समझे कि परमेश्वर मनुष्य को तो बना चुका था लेकिन वह मनुष्य आलसी था और वह सृष्टि कर्म में रत नहीं हुआ तो यह वायु पुराण के समानान्तर हो जाता है.
बाइबल और वायु पुराण में आदम को अँधेरे से रचा गया.
इसके बाद बाइबल में कहा गया कि परमेश्वर ने आदम को रचा. यहां रचना का जो कारक शब्द है, उसके दो अलग-अलग अर्थ है. एक अर्थ यह है कि परमेश्वर ने आदम को मिट्टी से रचा. परमेश्वर पहले ही मनुष्य जाति को उत्पन्न कर चुका था. इसी बात को यहां दोहराया गया. इस श्लोक की दूसरी विवेचना यह हो सकती है कि आदम को परमेश्वर ने गंदगी, धूल या अंधेरे से बनाया क्योंकि जो हिब्रू शब्द मिट्टी के लिए उपयोग किया गया उसका यह अर्थ अंधेरा भी है. यदि हम इसकी वैकल्पिक विवेचना लें तो वह वायु पुराण के समानान्तर हो जाती है क्योंकि वायु पुराण में कहा गया कि ब्रह्मा के तमस के शरीर से स्वयंभू उत्पन्न हुए. दोनों शास्त्रों में समानान्तरता यह बनती है कि वैकल्पिक विवेचना के अनुसार परमेश्वर ने आदम को अंधेरे से बनाया और ब्रह्मा ने स्वयंभू को तामसिक शरीर से बनाया.
परमेश्वर ने ज्ञान के वृक्ष को न खाने का नकारात्मक सुझाव दिया जो कल्प वृक्ष के सामानांतर हो सकता है.
इसके बाद बाइबल में ज्ञान के वृक्ष की कहानी आती है. परमेश्वर ने पहले ज्ञान के वृक्ष को बगीचे के बीच में रखा. बीच में रखने की दो विवेचना हो सकती हैं. एक यह कि परमेश्वर ने उस वृक्ष को बीच में रखा और आदम को कहा कि इसका फल मत खाओ क्योंकि परमेश्वर आदम की परीक्षा लेना चाहते थे कि आदम उनके आदेशों को पालन करता है या नहीं. इसी श्लोक की दूसरी विवेचना यह हो सकती है कि परमेश्वर ने उस वृक्ष को बगीचे के बीच में इसलिए रखा की आदम उसका सेवन करें.
इसके बाद परमेश्वर ने आदम को कहा कि तुम ज्ञान के वृक्ष को मत खाओ. इसकी एक विवेचना है कि परमेश्वर ने आदम को उस वृक्ष को खाने से मना किया. इसी की दूसरी विवेचना नकारात्मक सुझाव की हो सकती है. मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि हमारा अचेतन नकारात्मक सुझावों के प्रति जल्दी ध्यान देता है. इसलिए एक संभावना यह बनती है कि परमेश्वर चाहते थे की आदम इस वृक्ष का सेवन करें लेकिन आदम आलसी थे, तब परमेश्वर ने सोचा उनको एक नकारात्मक सुझाव दें कि इसको मत खाओ जिससे कि आदम के मन में उस वृक्ष को खाने के प्रति उत्कंठा उत्पन्न हो और वे उसका सेवन करें. इस कहानी पर वायु पुराण मौन है. लिकिन यह कहा गया है की उस समय कल्प वृक्ष उत्पन्न होते थे जोकि ज्ञान के वृक्ष के समानान्तर हो सकते हैं. यह भी कहा गया है कि कल्प वृक्ष समयक्रम में कमजोर हो गए. जिससे संकेत मिलता है कि इनका सेवन उन्होंने किया होगा. इसलिए यदि हम वैकल्पिक विवेचना लेते हैं तो वह वायु पुराण की कहानी के समानान्तर हो जाता है. दोनों विवेचना में आदम या स्वयंभू के ज्ञान के वृक्ष या कल्प वृक्ष के सेवन की बात कही गयी है.
आदम की आंखें खुल गई और स्वयंभू ने सृष्टि को बढाया.
इसके बाद कहा गया कि जब आदम ने ज्ञान के वृक्ष को खाया तो उनकी आंखें खुल गई. मध्यधारा विवेचना के अनुसार आंखें खुलने का अर्थ यह हुआ कि उन्होंने अपने नंगेपन को समझा. आंखें खुलने की दूसरी विवेचना यह हो सकती है कि उनकी आंखें इस सृष्टि की संभावनाओं के प्रति खुल गई और वे इस सृष्टि में विकास की ओर आगे बढ़ने लगे, खेती करने लगे, इत्यादि. यदि हम बाइबल की दूसरी विवेचना को लें तो वह वायु पुराण के समानान्तर हो जाती है क्योंकि वायु पुराण के अनुसार स्वयंभू और शतरूपा ने संताने उत्पन्न की जिससे भारी संख्या में उनके वंशज पैदा हुए जो कि सृष्टि के विकास को बताता है.
इसके बाद बाइबल में कहा गया की सर्प ने ईव से कहा की वह ज्ञान के वृक्ष का सेवन करे. इस कथन की दो विवेचना हो सकती है. मध्यधारा विवेचना है कि परमेश्वर ने आदम को वास्तव में ज्ञान के वृक्ष का सेवन करने के लिए मना किया था और सर्प ने ईव को परमेश्वर के आदेश के विपरीत इसे खाने के लिए प्रेरित किया. इसी कथन की दूसरी विवेचना यह हो सकती है कि परमेश्वर चाहते थे की आदम ज्ञान के वृक्ष का सेवन करे लेकिन आदम ने ज्ञान के वृक्ष का सेवन नहीं किया. तब सर्प ने परमेश्वर की इच्छा के अनुसार ईव को उस वृक्ष के सेवन करने को पुनः प्रेरित किया और उसके बाद ईव ने ज्ञान के वृक्ष का सेवन किया.
परमेश्वर ने बाइबल और वायु पुराण दोनों में सर्प से कहा कि तुम मिट्टी चाटते रहोगे.
इसके बाद बाइबल के अनुसार परमेश्वर ने सर्प से कहा कि तू पेट के बल चलेगा और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा. इसकी दो विवेचना है. एक विवेचना यह है कि एक सर्प था जिसने परमेश्वर की इच्छा के विपरीत ईव को ज्ञान के वृक्ष खाने को कहा और उसको परमेश्वर ने श्राप दिया की अब तुम मिट्टी में रहोगे.बाइबल में सर्प का मिट्टी चाटना मेरुदंड में गति को दर्शाता है.
दूसरी संभावना यह है कि हमारे मेरुदंड में जो चक्रों का तारतम्य है और जिसे अक्सर सर्प के रूप में बताया जाता है उसे बताया गया है. इस परिपेक्ष में जब परमेश्वर ने सर्प से कहा कि तुम जीवन भर मिट्टी चाटते रहोगे तो यह कुण्डलिनी का हमारे मेरुदंड में ऊपर नीचे चलना हो सकता है जो कि अंधेरे में होता है. इसी के समानान्तर वायु पुराण में बताया गया की ब्रह्मा ने सर्प को श्राप दिया की तुम अंधेरे में रहोगे, तुम उस स्थान पर रहोगे जहां पर सूर्य की किरणें नहीं पहुंचती हैं. यह जो ब्रह्मा ने सर्प को श्राप दिया और बाइबल में सर्प को कहा गया कि तुम मिट्टी चाटते रहोगे यह समानान्तर है.
परमेश्वर ने स्त्री की पीड़ा को बढ़ाया जो वायु पुराण में प्रजनन में वृद्धि को दर्शाता है.
परमेश्वर ने स्त्री से कहा कि मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दुख को बहुत बढ़ाऊंगा. इसकी दो विवेचना है. एक विवेचना यह है कि स्त्री पहले गर्भवती होती थी और बिना किसी दर्द के प्रजनन करती थी. दूसरी विवेचना है कि स्त्री पहले कम संख्या में संतान उत्पन्न करती थी और जब उसकी आंखें खुल गई और सृष्टि का विकास हुआ तब वह अधिक संख्या में बच्चों को पैदा करने लगी जिसके कारण उसकी पीड़ा बढ़ गई.
वायु पुराण में स्पष्ट शब्दों में लिखा है कृतयुग में जब स्वयंभू मनु रहते थे तब महिलाएं अपने जीवन के अंत में केवल एक बार रजस्वला होकर एक संतान को जन्म देती थी. लेकिन मनु के बाद त्रेता युग में वे प्रतिमाह रजस्वला होने लगी और कई संतान को जन्म देने लगी. इसलिए यदि हम बाइबल के वैकल्पिक विवेचना को ले कि परमेश्वर ने स्त्री की प्रजनन की पीड़ा को बढ़ाया तो अर्थ यह हुआ की प्रजनन बार-बार किया जाने लगा गया जिसके कारण वह दर्द बढ़ा.
बाइबल में भूमि द्वारा कांटे पैदा करने के सामानांतर वायु पुराण में कहा गया कि घरों में पौधे उत्पन्न होने लगे.
इसके बाद परमेश्वर ने भूमि को श्राप दिया की वह आदम के लिए कांटे पैदा करेगी और आदम खेत का उत्पादन खाएंगे. इसकी भी दो विवेचना हो सकती है. एक यह कि इस श्राप के पूर्व आदम आराम से रहते थे. वह श्रम नहीं करते थे. भोजन उन्हें आराम से मिलता था. वह पेड़ों से तोड़ लेते थे और खा लेते थे. दूसरी विवेचना यह है कि उस समय आदम पेड़ों से तोड़ कर खाते अवश्य थे लेकिन पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं मिलता था. इसलिए उन्होंने खेती करना चालू किया और उस खेती में कांटे भी उत्पन्न हुए. लेकिन यह कांटो का उत्पन्न होना एक छोटा कष्ट है जिसके बाद प्रचुर मात्रा में भोजन उत्पन्न हो गया जैसे सर्जरी के बाद मनुष्य ठीक हो जाता है तो सर्जरी को श्राप भी कहा जा सकता है कि मैं तुम्हें श्राप देता हूँ कि तुम्हारी सर्जरी होगी और तुम ठीक हो जाओगे. वायु पुराण में कहा गया कि उस समय लोगों के घरों में वृक्ष उत्पन्न होने लगे. यहां घरों में वृक्ष का उत्पन्न होना महत्वपूर्ण हैं. यानी कि पहले वे जंगलों में घूम कर वृक्षों से फल तोड़कर खाते थे. अब उन्होंने अपने घर में भोजन उत्पन्न किया. इस प्रकार बाइबल की वैकल्पिक विवेचना कि आदम ने खेती करना चालू किया और वायुपुराण का कथन कि लोगों के घर में पौधे उत्पन्न हुए समानान्तर हो जाता है.
जीवन के वृक्ष अथवा कल्पवृक्ष के सुनियोजित उपयोग के लिए परमेश्वर ने करूबों को नियुक्त किया गया.
अंतिम कहानी यह है की बाइबल में कहा गया जीवन के वृक्ष के मार्ग पर पहरा देने के लिए अदन की वाटिका में परमेश्वर ने करूबों को नियुक्त कर दिया. बताते चलें कि अदन की वाटिका में दो वृक्ष थे. एक ज्ञान का वृक्ष और एक जीवन का वृक्ष. ज्ञान के वृक्ष के बारे में हम पहले बता चुके हैं. आदम ने उस वृक्ष का सेवन किया और वह 930 वर्ष के बाद मरे. मध्यधारा विवेचना के अनुसार यदि आदम ज्ञान के वृक्ष का भक्षण न करते तो वे अमर रहते. उन्होंने ज्ञान के वृक्ष को खाया इसलिए वे मृत्यु को प्राप्त हुए. इसके बाद परमेश्वर नहीं चाहते थे की वे जीवन के वृक्ष तक भी पहुच जाए और उसको खाकर अमर हो जाए और श्राप से मुक्त हो जाए. इसलिए मध्यधारा विवेचना के अनुसार उस वृक्ष के पास परमेश्वर ने कुछ सिपाही नियुक्त कर दिए जो किसी को उस वृक्ष तक पहुचने न दे.
लेकिन बाइबल में यह नहीं बताया गया कि इन सिपाहियों की नियुक्ति लोगों को उस वृक्ष के पास पहुंचाने के लिए की गई थी या इस वृक्ष के पास न पहुच पाने के लिए की गई थी. बाइबल इस विषय पर मौन है. इसलिए इसकी वैकल्पिक विवेचना यह बनती है कि परमेश्वर चाहते थे आदम ने ज्ञान के वृक्ष को खा लिया है, अब वह जीवन के वृक्ष को भी खा ले जिससे कि वह लंबी अवधि तक जिये और सृष्टि का विस्तार हो. लेकिन जीवन के वृक्ष का आदम अति उपयोग कर सकते थे इसलिए परमेश्वर ने उस वृक्ष के पास सिपाही नियुक्त कर दिए जिससे वृक्ष का संतुलित उपयोग हो.
इसी के समानान्तर वायु पुराण में कहा गया कि किसी समय कल्पवृक्ष क्षीण होने लगे. संभवत: इन कल्पवृक्षो को ही ज्ञान का वृक्ष और जीवन का वृक्ष कहा गया. क्योंकि यह कमजोर होने लगे थे इसलिए परमेश्वर ने वहां सिपाही नियुक्त कर दिए जिससे कि उनका अति उपयोग न हो और वह समाप्त न हो जाए. बाइबल की वैकल्पिक विवेचना के अनुसार ज्ञान का वृक्ष कमजोर हो रहा था और वह समाप्त न हो इसलिए परमेश्वर ने सिपाही नियुक्त किए. इसी के समानान्तर वायु पुराण में कहा गया की कल्प वृक्ष कमजोर हो रहे थे.
बाइबल और वायु पुराण दोनों के अनुसार परमेश्वर ने मनुष्य को अँधेरे से बनाया.
यदि हम कुल परिस्थिति देखें तो 11 में से 9 बिंदुओं पर बाइबल की वैकल्पिक विवेचना और वायु पुराण की विवेचना समानान्तर रहती है. दो बिंदुओं पर वायु पुराण मौन हैं.
पहला बिंदु बाइबल के अनुसार परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया तो वायु पुराण के अनुसार ब्रह्मा ने हजार-हजार जोड़ों के चार सेट बनाए.
इसके बाद बाइबल के अनुसार मनुष्य आलसी हो गया और उसने कृषि नहीं की तो वायु पुराण के अनुसार सृष्टि आगे नहीं बढ़ी.
इसके बाद बाइबल के अनुसार परमेश्वर ने आदम को अंधेरे से बनाया और ब्रह्मा ने स्वयंभू मनु को तामसिक या अंधेरी शक्ति से बनाया.
इसके बाद दो बिंदु आते हैं जो वायु पुराण की कहानी से मेल खाते हैं यद्यपि वायु पुराण इन पर मौन है. चौथा बिंदु कि परमेश्वर ने ज्ञान के वृक्ष को बगीचे के बीच में लगाया जिससे कि आदम उसे खायें लेकिन जब आदम ने उसे नहीं खाया तो परमेश्वर ने पांचवे बिंदु में आदम को कहा कि इसे मत खाओ यानी उन्हें नकारात्मक सुझाव दीया.
छठा बिंदु जब इसके बाद भी आदम ने ज्ञान के वृक्ष को नहीं खाया तो उनकी अंतर चेतना में जो कुण्डलिनी शक्ति थी उसने उन्हें प्रेरित किया कि आप इस वृक्ष को खाओ और उन्होंने उसको खाया. कल्प वृक्ष के सेवन इसके समानान्तर है.
बाइबल और वायु पुराण दोनों के अनुसार स्त्री अधिक संख्या में प्रजनन करने लगी जिससे उसका दर्द बढ़ गया.
सातवा बिंदु है कि बाइबल के अनुसार आदम की आंखें खुल गई तो वायु पुराण के अनुसार स्वयंभू के बाद सृष्टि आगे बढ़ गई.
आठवां बिंदु बाइबल के अनुसार सर्प धूल में रहने लगा और वायु पुराण के अनुसार कुण्डलिनी शक्ति अंधेरे में लगातार उपर-नीचे चलने लगी.
नवा बिंदु बाइबल के अनुसार स्त्री का प्रजनन में दर्द बढ़ गया. वायु पुराण के अनुसार स्त्री हर माह रजस्वला होने लगी और प्रजनन की संख्या बढ़ने से उसका दर्द बढ़ गया.
दसवां बिंदु बाइबल के अनुसार धरती खेती के साथ-साथ कांटे उत्पन्न करने लगी. वायु पुराण के अनुसार लोगों के घरों में वृक्ष उत्पन्न होने लगे.
अंतिम ग्यारहवें बिंदु में बाइबल के अनुसार जीवन के वृक्ष के सुनियोजित उपयोग के लिए परमेश्वर ने सिपाही नियुक्त किए. वायु पुराण के अनुसार कल्पवृक्ष क्षीण होने लगे जोकि कल्प वृक्षों के अति उपयोग को दर्शाता है.
इस प्रकार हम देखते हैं यह दोनों कहानियां समानान्तर बन जाती हैं यदि हम बाइबल के वैकल्पिक विवेचना को स्वीकार करें. इस विषय पर और गहन अध्ययन करने की जरूरत है कि यह वैकल्पिक विवेचना मान्य हो सकती है या नहीं. फिलहाल हम इतना तो कह ही सकते हैं कि एक संभावना यह है कि बाइबल का यह विवरण वायु पुराण के अनुरूप है.
36 Comments
If you want to use the photo it would also be good to check with the artist beforehand in case it is subject to copyright. Best wishes. Aaren Reggis Sela
If you want to use the photo it would also be good to check with the artist beforehand in case it is subject to copyright. Best wishes. Aaren Reggis Sela
Here is a superb Weblog You may Discover Exciting that we encourage you to visit. Olivette Dorian Cowen
Its like you read my mind! You appear to know so much about this, like you wrote the book in it or something. Nolie Alessandro Bobker
There is definately a great deal to learn about this subject. I love all of the points you have made. Yvette Niel Stinson
I think this is a real great article post. Keep writing. Orsa Lemar Cloutman
Thanks a lot for the post. Really thank you! Much obliged. Ricky Llywellyn Goldsmith
You have observed very interesting details! ps decent website. Laraine Weidar Langelo
I used to be able to find good advice from your blog articles. Gisele Fidel Squier
Howdy, I believe your web site could be having web browser compatibility issues. Etti Willie Bozovich
You made some good points there. I did a search on the subject and found most people will go along with with your blog. Heloise Fitzgerald Dett
I used to be able to find good information from your blog posts. George Court Faythe
I feel this is among the most important info for me. Blisse Erny Menzies
Wonderful, what a website it is! This webpage presents useful information to us, keep it up. Aleda Dukie Adai
Very good article! We are linking to this particularly great post on our site. Keep up the good writing. Ardisj Malcolm Romonda
Regular accounts can be enough free PSN card to giveaway. Aileen Harris Megen
Great post. I am experiencing many of these issues as well.. Donia Toddie Harmaning
Some really fantastic articles on this site, regards for contribution. Alecia Tibold Michiko
As the Reels Turn is a 5-reel, 15 pay-line bonus feature video i-Slot from Rival Gaming software. Laurianne Barron Maitund
Very good article! We are linking to this particularly great post on our site. Keep up the good writing. Laina Foster Sarene
I love your writing style genuinely loving this website. Aubrey Niccolo Florri
I really like reading a post that will make people think. Also, thanks for permitting me to comment! Engracia Jerri Franklyn
Utterly indited articles , thankyou for entropy. Niki Ramon Lunette Cristen Edgardo Mindy
Unquestionably imagine that which you stated. Your favourite justification seemed to be at the web the easiest thing to bear in mind of. I say to you, I certainly get annoyed even as other folks think about concerns that they plainly do not recognise about. You managed to hit the nail upon the highest and also defined out the whole thing with no need side effect , people can take a signal. Will probably be again to get more. Thank you Calypso Rainer Manly
I was curious if you ever thought of changing the layout of your website? Orelia Menard Gunas
Some times its a pain in the ass to read what people wrote but this internet site is really user pleasant! Allyn Theodore Samuella
Asking questions are in fact fastidious thing if you are not understanding anything totally, however this article presents good understanding yet. Marguerite Kerry Benedetto
These are so good! It is now my favorite recipe for cinnamon rolls! Kori Jocko Rockie
Can i have the full reviewer and the answer key at my email.. Im planning to take an exam on april, please can you send it to my email thanks. Guenevere Jessee Zimmerman
I could not refrain from commenting. Well written! Alena Andre Moises
Alienum phaedrum torquatos nec eu, vis detraxit periculis ex. Gladi Niki Abramson
I like this post, enjoyed this one thanks for putting up. Gunilla Cortie Clementi
397103 87379I truly treasure your piece of work, Wonderful post. CHECK ME OUT BY CLICKING MY NAME!!! 749292 Kathi Fremont Norean
I visited multiple websites however the audio quality for audio songs present at this site is actually excellent. Anastasia Mohammed Negris
How MARVELOUS to get to see this iconic structure through your eyes! Lovely photos, and a wonderful story too. Thank you for letting us virtually tag along. Karena Nevin Wachter
This post will assist the internet visitors for building up new webpage or even a blog from start to end.| Kelcey Michal Engel
Ask a Question