Skip to content
यहूदी, ईसाई, मुस्लिम एवं हिन्दू के साझा पूर्वज

यहूदी, ईसाई, मुस्लिम एवं हिन्दू के साझा पूर्वज

  • होम
  • कहानियाँ
    • व्यक्ति
      • अब्राहमिक
      • हिंदू
      • इंटरफेथ
    • क्षेत्र
      • पश्चिम एशिया
      • सिंधु घाटी
      • प्राचीन विश्व
    • विषय
      • दर्शन
      • इतिहास
      • भूगोल
    • पुस्तक
      • बाइबिल
      • हिंदू
      • क़ुरआन
      • इंटरफेथ
  • वीडियो गैलरी
  • लेखक
  • English
  • Contact Us
  • Toggle search form
Historicity of the Garden of Eden

मेरे अध्ययन के अनुसार बाइबिल और कुरानिक धर्मों की उत्पत्ति सिंधु घाटी में हुई थी और मूसा ने मिस्र से नहीं, बल्कि सिंधु घाटी से पलायन (Exodus) का नेतृत्व किया था 1446 ईसा पूर्व के आसपास, जो पारंपरिक रूप से पलायन का समय माना जाता है। मिस्र में यहूदियों का कोई पुरातात्विक साक्ष्य नहीं है। इसके विपरीत सिंधु घाटी सभ्यता लगभग 1500 ईसा पूर्व के आसपास ध्वस्त हो गई थी जिसके कारण वहां के लोग सभी दिशाओं में फैल गए। इन लोगों में से कुछ पश्चिम एशिया गए और वही यहूदी बन गए। मूसा ने आदम, नूह और अब्राहम की यादें सिंधु घाटी से लीं और ये सभी व्यक्ति मूल रूप से सिंधु घाटी में रहते थे। इन यादों को बाइबिल में समाहित कर लिया गया। महाभारत के मौसल पर्व में उल्लेख है कि यादवों के आपसी संघर्ष के बाद कृष्ण एक अज्ञात देश के लिए रवाना हो गए। यह अज्ञात देश इसराइल था जिससे यह संकेत मिलता है कि कृष्ण ही मूसा थे।

  • हेम ओवाडिया Biblical
  • एडम और ईव के पाप? Abrahamic
  • मुहम्मद मुश्ताक तिज़ारवी Islamic
  • क्या परमेश्वर ने Genesis 17, Exodus 23 और Ezekiel 37 में इस्राएल के देश को यहूदियों को दिया है? Abrahamic
  • फादर टी के जॉन Biblical
  • क्या ऋग्वेद की सरस्वती नदी राजस्थान की लूनी थी ? Area
  • अब्राहमिक और हिंदू विशिष्ट व्यक्तियों के नामों में समानता क्यों? Ancient World
  • केनेथ न्ग्वा Archaeologist

क्या ऋग्वेद की सरस्वती नदी घग्गर थी?

Posted on January 27, 2024August 28, 2024 By ekishwar

ऋग्वेद में वर्णित सरस्वती नदी हरियाणा के पेहोवा शहर से होकर बहने वाली सरस्वती है?

सिन्धु घाटी सभ्यता | सिन्धु-सरस्वती सभ्यता | ऋग्वेद | नदी स्तुति ऋचा | सरस्वती नदी | हरियाणा |

भारत के पश्चिमी हिस्से में सिन्धु घाटी सभ्यता फूलती-फलती थी. इसे अक्सर सिन्धु-सरस्वती सभ्यता के नाम से जाना जाता है. इसके पीछे मान्यता यह है कि जो सरस्वती नदी हरियाणा के पेहोवा शहर से होकर बहती है वही ऋग्वेद में वर्णित सरस्वती नदी है. इसलिए इस पूरी सभ्यता को ऋग्वेद और सरस्वती से जोड़ते हुए सिन्धु-सरस्वती सभ्यता कहा जाता है. लेकिन ऋग्वेद की ऋचाओं में इस नदी के सरस्वती होने का प्रमाण कम ही मिलता है.

नदी स्तुति ऋचा (10:75) के प्रथम श्लोक में लिखा गया “नदियां सात सात करके तीन प्रकार से बहती हैं.”

ऋग्वेद की नदी स्तुति ऋचा (10:75) के प्रथम श्लोक में लिखा गया

“नदियां सात सात करके तीन प्रकार से बहती हैं.”

मंडल 10 सूक्त 75 मंत्र 1

नदी स्तुति ऋचा (10:75) के पांचवे एवं छठे श्लोक में केवल 19 नदियों के नाम क्यों दिए गए हैं?

नदी स्तुति ऋचा |गंगा|यमुना |सरस्वती| सरयू| सिन्धु

अतः 7×3=21 नदियों कि बात कही गयी. लेकिन इसी ऋचा के पांचवे एवं छठे श्लोक में केवल 19 नदियों के नाम दिए गए है: “(1) गंगा, (2) यमुना, (3) सरस्वती, (4) शुतुद्रि (सतलुज), (5) परुषिण (रवि), (6) अश्विन, (7) मरुद्व्धे, (8) वितस्ता, (9) सुषोमा, (10) अर्जिकीया, (11) सिन्धु, (12) गोमती, (13) तुष्टामा, (14 )सुस्तू, (15) रसा, (16) श्वेती, (17) कुभा, (18) मेह्त्नु और (19) क्रुमु.” इस प्रकार दो नदियों के नाम इसमें नही दिए गए हैं. संभावना बनती है कि ऋचाकार ने किसी कारण दो नदियों के नाम इस ऋचा से हटा दिए हैं. इन दो नदियों में से एक नदी संभवतः सरयू थी क्योंकि ऋग्वेद की ही अन्य ऋचाओं में स्पष्ट रूप से “सिन्धु, सरस्वती और सरयू” तीन नदियों का नाम लिया गया है.

“महती, पूज्य और तरंगशालिनी सरस्वती, सरयू और सिन्धु आदि बहने वाली इक्कीस नदियां हमारी रक्षा के लिए आवे; और मातृ स्थानीय और जल प्रेरक सुन्दर देवी धृतयुक्त पुष्टिदायक और मधुर उदक हमे प्रदान करें”.

मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2

एक ही ऋचा में इन तीन नदियों का नाम लेने का अर्थ है कि ये तीन नदियां एक दुसरे के समकक्ष हैं. यानी सिन्धु और सरस्वती के समान ही सरयू को उंचा दर्जा दिया गया है. कौतुहल का विषय है कि इन 21 नदियों मे से सरयू का नाम गायब क्यों है जब सरयू इतनी मत्वपूर्ण थी?

दूसरे, इन ऋचाओं में कहा गया है कि नामित 19 नदियां सब सिन्धु में मिलकर बहती है. जैसे चौथे श्लोक में कहा गया है:

“हे सिन्धों जैसे माताएं अपने पुत्र के पास प्रेम से जाती है; और नवप्रसूत दुग्ध्वती गायें अपने बछड़े के पास जाती हैं; वैसे ही शब्द करती हुई अन्य नदियां तेरी ओर ही आती हैं. युद्धशील राजा के समान तू ही सेचन करने वाली नदियों को लेकर जाती है; जब इन आगे बढ़ने वाली के आगे तुम जाती हो.”

मंडल 10 सूक्त 75 मंत्र 4

पुनः छठे श्लोक में कहा गया:

“तू (सिन्धु) इनके साथ एक ही रथ पर आरूढ़ होकर चलती हो- अर्थात इनके साथ मिलकर बहती हो.”

मंडल 10 सूक्त 75 मंत्र 6

स्पष्ट है ये 19 नदियां सिन्धु में मिलकर बहती थी. इन नदियों में पहली नदी गंगा है. प्रश्न है कि वर्तमान गंगा तो पूरब को बहती है? यमुना के पश्चिम में बहने के कुछ संकेत मिलते है लेकिन गंगा के पश्चिम में बहने के संकेत नहीं मिलते हैं. इसलिए संदेह उत्पन्न होता है जो गंगा नदी ऋग्वेद की इस ऋचा में बताई गयी है वह वर्तमान गंगा नहीं थी बल्कि वह कोई और नदी थी जिसका नाम गंगा था और जिसके पानी को लेकर सिन्धु बहती थी.

क्या पुष्कर से पश्चिम को निकलने वाली सरस्वती नदी ऋग्वेद की सरस्वती नदी थी?

सिन्धु घाटी सभ्यता| सरस्वती नदी| पुष्कर| घडाम| घग्गर| सरयू|हरियाणा-राजस्थान

सिन्धु घाटी सभ्यता की तीन महान नदियां सिन्धु, सरस्वती और सरयू में से सिन्धु स्पष्तः वर्तमान सिन्धु दिखती है. प्रश्न उठता है कि उस समय की सरस्वती और सरयू नदियां कौन थी? इनमे सरस्वती नदी की दो संभवनाएं हैं एक घग्गर जैसा की सिन्धु, सरस्वती नदी के प्रवर्तकों द्वारा कहा जाता है और सरस्वती की दूसरी संभावना पुष्कर से पश्चिम दिशा में निकलने वाली सरस्वती नदी है इनकी तुलना में सरयू का पुष्कर से कोई संबंध नहीं दीखता है जबकि घडाम के पास बहने वाली घग्गर नदी का प्रचलित नाम सरयू है अतः यदि हम घग्गर को सरस्वती माने तो सरयू को हम चिन्हित नहीं कर पाते हैं इसके विपरीत यदि हम घग्गर को सरयू माने तो सरस्वती को पुष्कर में बहने वाली सरस्वती में चिन्हित किया जा सकता है और तब दोनों नदियां स्पष्ट हो जाती है. अतः हमारा सुझाव है कि वर्तमान में हरियाणा-राजस्थान से होकर बहने वाली घग्गर नदी ऋग्वेद में वर्णित सरयू थी और पुष्कर से पश्चिम को निकलने वाली सरस्वती नदी ऋग्वेद की सरस्वती नदी थी.

सरस्वती, सरयू और सिन्धु तीनों ही नदियां मिल कर बहती हैं जैसा ऋग्वेद में कहा गया है.

इस संभावना का खंडन ऋग्वेद के उस वचन से नहीं होता जिसमे कहा गया है कि सरस्वती नदी समुद्र को जाती है क्योंकि घग्गर और पुष्कर से निकलने वाली  सरस्वती दोनों ही नदियां कच्छ के रण में जाकर के गिरती है. सिन्धु भी पुराने समय में कच्छ के रण में आकार ही गिरती थी. इसलिए इन दोनों ही नदियों का पानी सिन्धु में मिलता था और इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि ऋग्वेद की सरस्वती घग्गर थी अथवा पुष्कर से निकलने वाली सरस्वती थी.

ऋग्वेद में बताई गयी सरस्वती नदी के क्रम को बदला क्यों गया?

राल्फ़ ग्रिफ़िथ|ऋग्वेद|गंगा|यमुना|सरस्वती|सातवलेकर

ऋग्वेद में बताई गयी इन नदियों के क्रम में भी विवाद है. राल्फ़ ग्रिफ़िथ ने जो ऋग्वेद का अनुवाद किया उसमे उन्होंने नदियों का क्रम बताया है: “गंगा, यमुना, , शुतुद्रि (सतलुज), परुषिण (रवि), सरस्वती…”  इसके विपरीत सातवलेकर और अन्य अनुवादकों ने इनका क्रम बताया है  “गंगा, यमुना, सरस्वती, शुतुद्रि (सतलुज), परुषिण (रवि)…” अतः सरस्वती का स्थान  ग्रिफ़िथ के अनुसार परुषिण (रवि) के बाद आता है जबकि अन्य अनुवादकों के अनुसार यह यमुना और सतलुज के बीच आता है. यह खोज का विषय है कि मूल ऋग्वेद में इनका क्रम क्या था? बहरहाल हम कह सकते है कि जो वर्तमान में सातवलेकर आदि अनुवादकों ने क्रम बताया है उसमे संदेह बनता है.

ऋग्वेदिक गंगा का पानी सिन्धु लेकर बहती थी तो वह वर्तमान गंगा कैसे हो सकती है?

अतः नदी स्तुति ऋचा के आधार पर हम वर्तमान गंगा को ऋग्वैदिक गंगा नहीं मान सकते हैं क्योंकि वर्तमान गंगा के पानी को सिन्धु लेकर नही बहती. हम घग्गर को ऋग्वेद की सरस्वती नहीं मान सकते है क्योंकि यह नदी सरयू हो सकती है.

इसलिए हमे खोज करनी चाहिए कि घग्गर नदी का पुराना नाम क्या था? कहीं यह पुरानी सरयू नदी तो नहीं थी जिसका विवरण हमको भगवान राम के जीवन काल में प्रबल रूप से मिलता है.

इस आशय का मेरा लेख  Transactions of the Institute of Indian Geographers में छपा है जिसे आप यहाँ देख सकते  हैं :-

https://www.academia.edu/45296281/Saraswati_River_of_the_Rig_Veda

Area, Geography, Hindu, Hindu, Indus Valley, Person, Subject, Text

Post navigation

Previous Post: सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार भगवान राम का जन्मस्थान पटिआला में भी हो सकता है.
Next Post: क्या मनु ही नूह थे?

Join our WhatsApp Group

Subscribe Posts

Buy Now Our Book

  • Buy Amazon Rs 400 for India
  • Buy Amazon $ 6.12 for Kindle
  • Buy Amazon $ 19.99 for Other
  • पैगम्बर मूसा के दस आदेश और भगवान कृष्ण के प्रवचन Ancient World
  • अल्लाह और अल्लाह या ब्रह्म एक ही हैं Abrahamic
  • हेम ओवाडिया Biblical
  • ईसा मसीह मसीहाओं में एक थे। Abrahamic
  • बाइबल का ‘मित्स्रायिम ’ सिंधु घाटी में स्थित हो सकता है | Ancient World
  • यहूदियों की उत्पत्ति से सिन्धु घाटी के लक्ष्यों का मिलान। Abrahamic
  • क्या यहूदियों का यादवों से जेनेटिक सम्बन्ध है? Ancient World
  • क्या भगवान कृष्ण की असली मथुरा सिंध में है? Area

Address: Lakshmoli, Kirti Nagar, District Tehri, Uttarakhand, 249161, India

Phone no : +91-9917144777

Email: bharatjj@gmail.com

Recent Post

  • अल्लाह और अल्लाह या ब्रह्म एक ही हैं
  • काफ़िर वह जो जानते हुए भी अल्लाह को नकारे
  • इस्लाम में पुनर्जन्म
  • क्या कुरान मूर्तिपूजा को नकारती है?
  • पुनर्जन्म की सत्यता क्या है?

Visitor counter

Search

Copyright © 2025 यहूदी, ईसाई, मुस्लिम एवं हिन्दू के साझा पूर्वज.